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मुकेश देवी-मधुमक्खी की दोस्त - मिट्टी के सपने, मज़बूत इरादे

Posted On - 28 October, 2022
Category - Mitti Ke Sapne

मुकेश देवी मधुमक्खी की दोस्त शहद, इस शब्द में ही कितनी मिठास है , लेकिन शहद बनाता कौन है ?
कौन छोटी–छोटी मधुमक्खियों से दोस्ती करता है ? चलो ये जानने के लिए हम हरियाणा के छोटे से गांव मलिकपुर चलते है , जहां रहती है मुकेश देवी । मलिकपुर गांव में सड़क तो थी लेकिन इतनी नहीं की आराम से शहर जाया जा सके । गांव से शहर जाने के लिए गांव वालो को बहुत सोचना पड़ता था लेकिन मुकेश देवी के इरादे पक्के थे । सुविधाओं की कमी के बाद भी २००१ के दौरान मुकेश देवी के पति ने मधुमक्खी पालन चालू किया और कुछ समय बाद ही मुकेश देवी मधुमक्खी पालन में अपने पति का साथ देने लगी। खेती किसी भी प्रकार की हो लेकिन जब तक जानकारी पूरी ना हो तब तक सफल हो पाना मुश्किल होता है । यह सबक मुकेश देवी ने खेती के शुरुवाती दिनों में ही सीख लिया था । मुकेश देवी ने पास के कृषि विज्ञान केंद्र की मदद से मधुमक्खी पालन का तरीका सीखा । उन्होंने समझा की कैसे इन मधुमक्खियों से दोस्ती करके शहद बनाया जा सकता है । अपना प्रशिक्षण पूरा करते ही मुकेश देवी पूरी तरह से मधुमक्खी पालन में लग गई । प्रारंभिक दिनों में काफी छोटे स्तर से शुरुवात की और धीरे–धीरे उस स्तर को बढ़ाती रहीं । उन्हें कई बार मधुमक्खी ने काटा भी लेकिन फिर भी उन्होंने कभी भी अपना हौंसला कम नहीं होने दिया । मुकेश देवी को शुरुवाती दिनों में काफी सफलता भी मिली लेकिन वो हमेशा से चाहती थी की वो कुछ ऐसा करें जिससे वो लोगों का रूझान मधुमक्खी पालन की तरफ ला सकें । धीरे–धीरे जब मधुमक्खी पालन से काफी उन्नति हुई तब मुकेश देवी और उनके पति जगपाल सिंह फोगाट ने २०१६ में सोचा की क्यों ना स्वयं ही शहद तैयार करके बाज़ार में बेचा जाए । यह निर्णय बहुत ही आशंकाओं वाला था । एक तरफ जहां वो अपने शहद को बड़े–बड़े संस्थानों तक पहुंचा रहे थे वहीं दसूरी ओर अपनी इकाई लगाने के बाद उन्हें विज्ञापन से लेकर बिक्री तक का सारा कार्य भार खुद ही संभालना होगा । इन सारी चुनौतियों के बाद भी मुकेश देवी ने यह निर्णय लिया की वो अब अपना शहद खुद ही तैयार करके बेचेंगी । कठिन परिश्रम करके उन्होंने शहद तैयार करने के लिए एक व्यापारिक इकाई लगाई । इस इकाई के माध्यम से उन्होंने अपने व्यापार को और बढ़ाया । जो सफर एक समय में उन्हें मुश्किल लग रहा था वो आज उन्होंने पूरा करके दिखाया । उन्होंने अपना शहद "नेचर फ्रेश हनी" के नाम से बाजार में उतारा ।
 आज मुकेश देवी पूरे भारत में अपना बनाया हुआ शहद भेजतीं है । मुकेश देवी करीब दस तरह के शहद बनाती है जिनमे प्रमुख रूप से शामिल है नीम शहद , सरसों शहद , तुलसी शहद और अजवाइन शहद। मुकेश देवी ने शुरुवात मात्र तीस बक्से के साथ की और अब उनके पास करीब दो हजार बक्से है । अपने परिवार के साथ मुकेश देवी प्रतिदिन सफलता की नई सीढ़ी चढ़ रही है और साथ–साथ सैकड़ो किसानों को प्रशिक्षण भी दे रहीं है । मुकेश देवी अपने आगे आने वाली पीढ़ी को भी यह हुनर दे रही है , उनका बेटा प्रभात फोगाट भी मधुमक्खी पालन में मदद कर रहा है । प्रभात फोगाट नई तकनीक सीखने के लिए कृषि की पढ़ाई भी कर रहा है । उनकी वजह से बहुत सारे किसान आज मधुमक्खी पालन करके सालाना लाखों रुपए कमा रहे है । खादी समिति के साथ मिलकर मुकेश देवी तीन सौ मधुमक्खी पालकों का समूह बनाने पर भी काम कर रहीं है । उन्होंने अपनी इकाई में काफी लोगों को रोजगार भी दिया है । मुकेश देवी अंतर्राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनियों में हिस्सा भी लेती है । अपनी मेहनत के कारण मुकेश देवी को एग्री लीडरशिप अवार्ड और राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन अवार्ड जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।


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