श्री एल.डी. मित्तल, सोनालीका समूह के संस्थापक और चेयरमैन हैं तथा वैश्विक कृषि क्षेत्र के एक प्रमुख शख़्सियत हैं। श्री मित्तल एक प्रतिभाशाली, दूरदर्शी और प्रसिद्ध विशेषज्ञ हैं जिन्हें ट्रैक्टर जगत में प्रेम से 'द ट्रैक्टर टाइटन' के नाम से भी जाना जाता है। श्री मित्तल ने 1969 में सोनालीका समूह का गठन कृषि उपकरणों के निर्माण के लिए किया। तकनीकी रूप से बेहतर उत्पाद और भारत के किसान समुदाय की सेवा करने के विश्वास के साथ, उन्होंने कंपनी को एक बहुराष्ट्रीय व्यापारसंध के रूप में उभरने के लिए निरंतर प्रेरित किया है।
पंजाब विश्वविद्यालय से स्वर्ण पदक विजेता, अंग्रेजी और उर्दू में दोहरी पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री के साथ, श्री मित्तल का किसान समुदाय की सेवा करने के प्रति उत्साह और समर्पण कंपनी की सफ़लता में सबसे बड़ी शक्ति रहा है। कृषि जगत को संपूर्ण समाधान प्रदान करने के लिए, श्री मित्तल ने 1996 में ट्रैक्टर मैन्युफ़ैक्चरिंग के क्षेत्र में कदम रखा और सोनालीका ट्रैक्टर्स की स्थापना की। सोनालीका समूह आज भारत से न 1 ट्रैक्टर निर्यात ब्रांड है साथ ही साथ देश में तीसरी सबसे बड़ी ट्रैक्टर कंपनी के रूप में मज़बूती से खड़ा है।
प्रेरक इनोवेशन और उद्यमशीलता कौशल का प्रदर्शन करते हुए,श्री मित्तल ने विश्व स्तर पर किसानों की जरूरतों के लिए अनुकूलित हैवी ड्यूटी ट्रैक्टरों को डिजाइन करने के लिए उन्नत तकनीकों को लागू किया। इन ट्रैक्टर्स की मैन्युफ़ैक्चरिंग रणनीतिक रूप से विश्व के नं. 1 सबसे बड़े इंटीग्रेटेड ट्रैक्टर मैन्युफ़ैक्चरिंग प्लांट में किया जाता है, जो पंजाब के होशियारपुर में स्थित है।
श्री मित्तल काव्यात्मक और उद्यमशीलता प्रतिभा के एक अभूतपूर्व मिश्रण हैं। वह महान उर्दू कवि मज़रूह सुल्तानपुरी की एक प्रसिद्ध कविता, मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया, सुनना बहुत पसंद करते हैं ।
उनके प्रयासों, व्यापार कौशल और परोपकार को कॉर्पोरेट क्षेत्र और सरकार द्वारा उद्योग स्तर के प्रतिनिधित्व और पुरस्कारों के माध्यम से मान्यता भी प्राप्त है। श्री मित्तल प्रतिष्ठित 'प्राइड ऑफ़ द नेशन, उद्योग रत्न, अर्न्स्ट एंड यंग एंटरप्रेन्योर ऑफ़ द ईयर, 2006 जैसे कई पुरुस्कारों से भी सम्मानित हैं। इनके अतिरिक्त, कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें "उन्नत भारत सेवा श्री पुरस्कार" और कृषि के क्षेत्र में उनकी उत्कृष्ट उद्यमशीलता उपलब्धियों के लिए "कृषि लीडरशिप पुरस्कार" भी प्राप्त है।
वे मैसेडोनिया दूतावास के मानद महावाणिज्य दूत, भारतीय ट्रैक्टर मैन्युफ़ैक्चर्र संघ के अध्यक्ष, कृषि पर आई.सी.सी.आई. विशेषज्ञ समिति के सह-अध्यक्ष, राष्ट्रीय परिषद सी.आई.आई के सदस्य, भारत सरकार के ऑटोमोबाइल और संबद्ध उद्योगों के लिए विकास परिषद के सदस्य, विश्व व्यापार संगठन पर सी.आई.आई. राष्ट्रीय समिति के सदस्य और भारती विद्यापीठ विश्वविद्यालय की प्रबंध समिति के सदस्य रह चुके हैं।